ये आर. एस. हमारा, है ज्ञान का इक सितारा |
शिक्षा का है ये मंदिर, लगे जान से भी प्यारा |
आओ पढ़ाएं मन से, मन, वचन और कर्म से |
निष्ठा और लगन से, युक्ति और जतन से |
आगे वही बढ़ेगा, जो मेहनत करेगा |
ये आर. एस. हमारा, है ज्ञान का इक सितारा |
शिक्षा का है ये मंदिर, लगे जान से भी प्यारा |
नव करें निर्माण हम, संघर्ष साधना से
ऋषियों की प्रेरणा से, और मन की चेतना से |
है ज्ञान ही वो दीपक, जो अज्ञान को हरेगा |
ये आर. एस. हमारा, है ज्ञान का इक सितारा |
शिक्षा का है ये मंदिर, लगे जान से भी प्यारा |
आओ संकल्प लें हम, नित साधना करेंगे |
वेदों के पथ पे चलके, जीवन सफल करेंगे |
समुन्नत हो भारत, यही लक्ष्य है हमारा |
ये आर. एस. हमारा, है ज्ञान का इक सितारा |
शिक्षा का है ये मंदिर, लगे जान से भी प्यारा |
गीतकार: डॉ. संजीव चंदेल ( प्रधानाचार्य )